पहले काटी हाथ की नस, नहीं मरा तो मूर्ति से मारकर निकाला खून… अपने ही बेटे की कातिल क्यों बनी मां?

पश्चिम बंगाल के हुगली में एक मां ने अपने ही बेटे को दर्दनाक मौत दी. इस घटना के सामने आने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई. कलयुगी मां ने पहले बेटे के हाथों की नसों को काटा, फिर भी नहीं मरा तो मूर्ति से मार-मारकर अपने ही 8 साल के बेटे की जान ले ली. 8 साल का मासूम चीखता रहा, चिल्लाता रहा लेकिन किसी को उसकी चीख सुनाई नहीं दी. हुगली के कोन्नगर में आरोपी मां अपने बेटे को खुद के राज के खुलने के डर से उसे मार डाला. 8 साल का श्रेयांशु अपनी मां का वो राज जान चुका था, जिसे शायद वह किसी को बताना नहीं चाहती थी. आखिरकार मां ने समाज और घर-परिवार के डर से मासूम की जान ले लेने का फैसला लिया.

पुलिस के मुताबिक, श्रेयांशु की मां का अपनी महिला मित्र से समलैंगिक रिश्ता था जिसके बारे में उसका बेटा जान चुका था. उसकी मां शांता शर्मा और सहेली इशरत को डर था कि कहीं उनके इस रिश्ते का राज श्रेयांशु सबके सामने न ला दे. इस डर से उन दोनों ने मिलकर श्रेयांशु की हत्या कर दी. पुलिस की जांच में सीसीटीवी फुटेज से इस राज का पर्दाफाश हुआ कि किस तरह से उसने मासूम की हत्या की.

श्रीरामपुर के डीसीपी ने क्या कहा?
श्रीरामपुर के डीसीपी अर्णब विश्वास ने कहा कि बेटे की निर्मम हत्या के मामले में श्रेयांशु की मां और उसकी सहेली के साथ समलैंगिक रिश्ते की बात सामने आई है. इनके रिश्ते की सच्चाई श्रेयांशु जान गया था. उन्होंने साफ किया कि इन दोनों सहेलियों के बीच समलैंगिक रिश्ता शादी से पहले था. इतना पुराना राज जिसे इशरत और शांता ने दुनिया से छिपाकर रखा था, कहीं वह सबके सामने आ गया तो समाज उन्हें जीने नहीं देगा.

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिए, श्रेयांशु की हत्या का खुलासा किया. पुलिस के मुताबिक, श्रेयांशु की हत्या इशरत ने की है और उसके इस काम में शांता ने पूरी तरह मदद की है. पहले तो श्रेयांशु के हाथों की नशें काट दी. इसके बाद भी जब उन्हें श्रेयांशु के बचने की आशंका हुई तो उसके सिर पर पास में रखी मूर्ति से कई बार वार करके उसे जान से मार डाला. डीसीपी ने इस बात की जानकारी उत्तरपाड़ा थाने में प्रेस कॉन्फेंस के जरिए की.

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